Govt Emp Corner: सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) की सेवानिवृत्ति की आयु (Increase in Retirement Age) में बढ़ोतरी पर कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka Highcourt) के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है. अहम फैसला सुनाते हुए कर्नाटका उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने का निर्धारण राज्य के खजाने के साथ-साथ दूसरों के रोजगार के अवसरों को भी प्रभावित करता है। इसलिए यह पूरी तरीके से राज्य कार्यकारिणी के क्षेत्राधिकार में है जो वेतन परिलब्धियों और अंतिम लाख का खर्च वहन करती है. इस तरह से उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में आयु में बढ़ोतरी और कमी करने का फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार को है.
सेवानिवृत्ति की आयु मैं बढ़ोतरी के संबंध में कॉलेज के पूर्व डीन की ओर से दायर रिट याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। अपनी याचिका में कॉलेज के डीन ने अपनी नौकरी को 62 साल की बजाय 65 साल की उम्र तक जारी रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की उच्च न्यायालय से मांग की थी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कृष्णा एस दीक्षित और पी कृष्ण भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता की प्रार्थना को मान लिया जाता है तो हजारों लोग 3 साल की लिए कार्यकाल में बने रहेंगे और इससे नई भर्तियों के लिए भी रास्ता बंद हो जाएगा, जिससे अन्य व्यक्तियों के रोजगार अवसरों पर भी प्रभाव पड़ेगा.
उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में बढ़ोतरी करने से के संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
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