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Family Pension Rules: पारिवारिक पेंशन को लेकर गुवाहाटी हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

Second wife of a government servant is  not eligible for family pension: Guwahati High Court


Govt Employees Corner: पारिवारिक पेंशन (Family Pension) के भुगतान को लेकर गुवाहाटी हाई कोर्ट के द्वारा महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है. अपने फैसले में Guwahati हाईकोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी के जिंदा रहते हुए दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं होगी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिंदू धर्म में एक ही समय में दो व्यक्तियों से शादी करने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए दूसरी शादी को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती. न्यायमूर्ति संजय कुमार निधि की खंडपीठ के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि याचिकाकर्ता प्रेमी डेका ने बीरेन डे  की दूसरी पत्नी होने का दावा करते हुए हाईकोर्ट में अपना केस दायर किया था और पारिवारिक पेंशन की मांग की थी .

याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके पति सिंचाई विभाग में कार्यरत थे और उनका अगस्त 2016 में निधन हो गया था इसलिए वह सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन (Family Pension) की हकदार है. याचिकाकर्ता की तरफ से यह भी कहा गया था, कि उसके सरकारी कर्मचारी से 3 बच्चे हैं. याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार और हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act) के तहत एक ही समय में दो व्यक्तियों से शादी करने की कोई कानूनी मान्यता नहीं है. और यह स्थिति तलाक के लिए एक आधार है. भारतीय कानून संहिता के तहत इसे एक अपराध माना गया है इसके बाद अगर अदालत ने याचिका खारिज कर दी और टिप्पणी करते हुए कहा कि पहली पत्नी के जीवित होने पर दूसरी पत्नी को परिवार का हिस्सा नहीं माना जा सकता और वह पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं है.

दूसरी पत्नी से पैदा हुए बच्चों को दी जा सकती है फैमिली पेंशन कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि दूसरी पत्नी से पैदा हुए बच्चे यदि बड़े हैं इसलिए बच्चों को नाबालिग होने की स्थिति में कुछ राहत दी जा सकती है कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि कोर्ट के पास याचिका खारिज करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार पहली पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरा विवाह करना गैरकानूनी है और इस वजह से दूसरी पत्नी को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता. 

इस तरह से पारिवारिक पेंशन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी सरकारी कर्मचारी की पहली पत्नी के जिंदा होते हुए दूसरी पत्नी को पारिवारिक पेंशन नहीं दी जा सकती हालांकि दूसरी पत्नी से पैदा हुए बच्चों को पारिवारिक पेंशन का हकदार माना जा सकता है.


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