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OROP SC Judgement 16 March 2022: सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मौजूदा पेंशन योजना को सही ठहराया

OROP SC Judgement: वन रैंक वन पेंशन (OROP) को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 16 मार्च 2022 को महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है और सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त सैनिकों (ESM) के लिए लागू मौजूदा वन रैंक वन पेंशन योजना (OROP Latest News) पर अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 16 मार्च 2022 को मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन लागू करना केंद्र सरकार का नीतिगत फैसला है और इसमें कोई संवैधानिक खामी नहीं है। इसके अलावा कोर्ट ने आगे कहा कि वन रैंक वन पेंशन योजना केंद्र सरकार की मनमानी भी नहीं है। 




OROP वन रैंक वन पेंशन के मामले में यह आदेश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने वन रैंक वन पेंशन योजना में खामियों को लेकर,  इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (Indian Ex-Serviceman Movement) के द्वारा दायर की गई याचिका का निपटारा करते हुए दिया। याचिका में मांग की गई थी कि वह योजना को होशियारी कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक लागू किया जाए जिसमें 5 वर्ष में पेंशन के निर्धारण के बजाय के वार्षिक निर्धारण की बात कही गई थी.

SC Judgement On OROP:

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह केंद्र सरकार (Central Government) का नीतिगत फैसला है कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए| अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 7 नवंबर 2005 की अधिसूचना के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन (OROP) की हर 5 वर्ष में पूर्ण प्रक्रिया होनी चाहिए. OROP योजना 1 जुलाई 2014 से प्रभावी हुई है. कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि वन रैंक वन पेंशन के तहत अगली पेंशन संशोधन 1 जुलाई 2019 से शुरू की जाएगी और Pensioners को 3 महीने के अंदर बकाया (OROP Arrears) का भुगतान करने का आदेश भी दिया गया है।

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