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OPS लागू: 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन योजना OPS

Budget 2022: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को राज्य का बजट पेश करते हुए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था (old pension system) को एक जनवरी 2004 से ही फिर से लागू करने का बड़ा ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए ऐलान में कहा गया है कि राजस्थान में 1 जनवरी 2004 के बाद भारतीय हुए सरकारी कर्मचारियों (State Government Employees) को इसका फायदा मिलेगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री (CM of Rajasthan) के इस बड़े ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव (UP Election 2022) में एक झटके में सियासी पारा बढ़ गया है. 

उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा तमाम दलों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को बहाल करने का वादा किया है.समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनेगी तो वह पुरानी पेंशन व्यवस्था को हर हाल में कर्मचारियों के लिए बहाल करेंगे.  मायावती ने अपनी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए यह ऐलान किया था कि जब उनकी सरकार बनेगी तो वह भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने वाली हैं. 




समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र जारी होने से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने यह बड़ा ऐलान किया था की समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया जाएगा।  अखिलेश यादव के द्वारा ऐसा बड़ा ऐलान करीब 13 लाख कर्मचारियों और 4 लाख शिक्षकों को अपने पक्ष में करने के लिए किया गया था। मौजूदा योजना के तहत 1 अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों (UP Government Employees) को नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत माना जाता है और कर्मचारी इस पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बाहर करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं.

राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के इस बड़े ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश के शिक्षक और कर्मचारी मतदाताओं में उम्मीद एक बार फिर से जाग गई है, क्योंकि पड़ोसी राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल होने के बाद अब यूपी के मतदाताओं को भी यह लगने लगा है कि सरकारी आश्वासनों के बाद इस व्यवस्था को एक बार फिर से लागू करना मुश्किल नहीं है। मतदाताओं की यह उम्मीद उत्तर प्रदेश चुनाव के बाकी बचे तीन चरणों की वोटिंग पर भी असर डाल सकती है, हालांकि यह कितना होगा यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। लेकिन काफी लंबे समय से सरकारी कर्मचारी शिक्षक और अन्य कर्मचारी नई पेंशन व्यवस्था को खत्म कर पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग कर रहे हैं और अशोक गहलोत के द्वारा पुरानी पेंशन व्यवस्था को एक बार फिर से बाहर किए जाने की घोषणा के बाद यूपी का चुनावी पारा भी चढ़ गया है इसका फायदा किसको मिलेगा यह तो 10 मार्च के बाद ही पता लग पाएगा.
By: GE News Hindi

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