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Anukampa Niyukti: दूसरी पत्नी के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

GE News: बृहस्पतिवार 24 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अनुकंपा नौकरी (Compassionate ground Appointment) से जुड़े हुए एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने अपने फैसले में कहा है कि किसी मृत कर्मचारी की दूसरी पत्नी (Second Wife of a Government Employee) का बेटा होने के आधार पर उस बेटे को अनुकंपा नियुक्ति (Anukampa Niyukti) देने से इनकार नहीं किया जा सकता. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट (Patana Highcourt) के एक फैसले के खिलाफ मुकेश कुमार के द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिया. पटना हाईकोर्ट ने मृतक जगदीश हरिजन की दूसरी पत्नी के बेटे होने के कारण मुकेश कुमार को रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति (Anukampa Nokari in Railway) के उनके दावे को खारिज कर दिया था. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने यह फैसला सुनाया.

2019 के आदेश को बनाया नजीर.

तीन न्यायाधीशों की पीठ ने भारत सरकार (Government of India) बनाम वीके त्रिपाठी (2019) के मामले में दिए गए फैसले पर भरोसा जताया. न्यायपीठ के द्वारा लिखे गए इस फैसले में कहा गया कि सर्कुलर ने 1 वर्ष के बीच दो श्रेणियां बनाई है। जब कानून ने एक बार दूसरी शादी से पैदा हुए बेटे या बेटी को वैध मान लिया है तो उन्हें नीति के तहत विचार किए जाने से बाहर करना असंभव होगा। पीठ ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए मुकेश कुमार को रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति देने का फैसला सुनाया.

माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए गए इस फैसले के बाद उन सभी कैंडिडेट को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है जो कि किसी सरकारी कर्मचारी की दूसरी पत्नी के बेटा या बेटी है. 
Compassionate ground Appointment Rules in Hindi.



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